शादी बेवफा शायरी
कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को,
एक यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया,
अकेले जीना आ ही जाता है,
जब मालूम होता है,
अब साथ चलने वाला कोई नहीं ,
कुछ मोहोब्बत का नशा था पहले हमको,
दिल जो टूटा तो नशे से महोब्बत हो गयी,
ये इश्क़ भी क्या चीज़ है यारा,
वो धोखा दिए जाते है,
और एक हम है ,
जो मौका दिए जाते है
रोज़ रात बस इसी उम्मीद में काट लेता हूँ,
की नयी सुबह तुम्हें मेरा बना देगी
बहुत भीड़ थी उनके दिल में,
अगर खुद ना निकलते तो निकाल दिए जाते ,
भरोसा ना करना इस दुनिया के लोगों पे,
मुझे तबाह करने वाला मेरा बहुत
अजीज था ,
गलती उनकी नहीं कसूरबार मेरी गरीबी थी,
हम अपनी औकात भूलकर बड़े लोगों ,
से दिल लगा बैठे,
बहुत मतलबी होते है लोग यहाँ,
पहले करीब आते है, आदत बनते है,
फिर छोड़ जाते है ,
नहीं छोड़ी कमी किसी भी रिश्ते को निभाने में ,
आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया,
और जाने वाले को रब्ब का वास्ता भी दिया ,