shayari on desh bhakti
वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके !!
काश कि हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये !!
ये जो तेरी आँखों के प्याले है !!
ये मेरी जिंदगी के उजाले हैं !!
मुझे ये दिल की बीमारी ना होती !!
अगर तू इतनी.प्यारी ना होती !!
हमारी आँखों में तुम हो दिल में तुम्हारी तस्वीर है !!
तुम्हारे लिए दिल तो क्या जान भी हाजिर है !!
आप हम पर मत किया करो इतना शक !!
आपका मैं हूँ सिर्फ आपका ही है मुझ पर हक !!
सारी दुनियां के रूठ जाने से मुझे कोई गर्ज़ नहीं !!
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता हैं !!
desh bhakti ki shayari
हथेलियो पर मेहदी का जोर ना डालिये !!
दब के मर जाएगी लकीरे मेरे नाम की !!
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महेंगी पड़ी हमको !!
भुला दिया ये कहकर की तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो !!
माथे को चूम लूँ मैं और उनकी जुल्फ़े बिखर जाये !!
इन लम्हों के इंतजार में कहीं जिंदगी न गुज़र जाये !!
सबसे यूं मिलना के जैसे दिल में कोई दुख न हो !!
मुझमे ये खूबी है सब खामियों के बावजूद !!