shayari on dhadkan
ताल्लुक हो तो रूह से रूह का ह,
दिल तो अकसर एक दूसरे से भर,
जाया करते हैं ,
सुनो दोस्तों किसी ने मेरा दिल तोड़ा है,
अब आप ही बताओ अपनी जान दू,
या उसे जाने दू,
दावे दोस्ती के मुझे नहीं आते यारो,
एक जान है जब दिल चाहें मांग लेना,
मुझे रिश्तो की लम्बी कतारों से क्या
मतलब, कोई दिल से हो मेरा तो एक,
शख्स ही काफी है,
सौ बार कहा दिल से, चल भुल भी जा,
उसको. हर बार कहा दिल ने, तुम दिल,
से नही कहते,
न वो आ सके न हम कभी जा सके,
न दर्द दिल का किसी को सुना सके,
बस बैठे है यादों में उनकी,
न उन्होंने याद किया और न हम,
उनको भुला सके,
दिलबर की दिल-लगी में, दिल अपना खो चुके है,
कल तक तो खुद के थे, आज आप के हो चुके है,
गलत सुना था कि, इश्क आँखों से होता है,
दिल तो वो भी ले जाते है,
जो पलकें तक नही उठाते,
कैसे-कैसे लोग बसते है इस जहाँ में,
एक से वफ़ा कर नही सकते, दूसरे से
दिल लगा लेते है,
तेरे लिए इस दिल ने कभी बुरा नही चाहा,
हायह और बात है कि. मुझे साबित,
करना नही आया,