facebook par shayari
बात बात पर अपनों की बात करता है !!
लगता है किसी गावं से आया है ये शख्स !!
कोई तो मेरे अंदर भी है !!
जो बहुत दिनों से बेचैन है !!
आजकल नींद नहीं आती, जब से पता चला है !!
मैंने अपने हाथों से अपने आप को बर्बाद किया है !!
दिमाग चाहे किसी का भी हो !!
पर हाथ अपना ही था अपने आप को बर्बाद करने में !!
ऊपर वाले के सामने ही गुनाह करते है !!
और ऊपर वाले से ही माफ़ी मांगते है !!
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मुझसे जुड़ा हर एक शख्स मुझे अच्छी तरह से जानता है !!
एक मैं ही अपने आप को इतने दिनों से पहचान नहीं सका !!
रात के सायें में अपनी सफर पर निकलता हूँ !!
क्योंकि अपने आप के अलावा !!
अपने परछाई तक पर भरोसा नहीं रहा !!
बहुत सी लड़ाई हारनी पड़ती है !!
एक ज़िंदगी की लड़ाई जीतने के लिए !!
एक समय पर बहुत कुछ चाहिए था !!
बस सब कुछ-कुछ मिल गया तो, कुछ नहीं चाहिए !!
इस दुनिया में कुछ लोग हसने !!
को ख़ुशी समझ लेते है !!