masoom chehra shayari in urdu
मासूम निगाहों को मुस्कुराते देखा है,
मैंने अपनी मोहब्बत को तुम्हे दिल में
छुपाते देखा है,
क्यूं ना रौशन हो मेरी ज़िन्दगी तुम्हारे होने से,
मैंने हर सजदे में तुम्हे आंसू बहाते देखा है,
कुछ इस तरह तुम्हे खुदको आज़माते देखा है,
मेरी मौजूदगी में तुम्हे पलके झुकाये देखा है,
भूखे पेट ही काम पर आ जाते हैं,
पर चीथड़ों से झांकते ज़ख्म के निशान,
अधूरे ख्बावों की दास्तान कह जाते हैं,
बचपन से ही परिवार का बोझ,
अपने नाज़ुक कंधों पर उठाते है,
हाॅं, ये मासूम कच्ची उम्र में पिता बन,
अपना घरबार चलाते हैं,
ख्बावों को जिम्मेदारी के बक्से में बंदकर,
masoom chehra shayari in english
चाँद सा चेहरा देखने की इजाज़त दे दो,
मुझे ये शाम सजाने के इजाज़त दे दो,
मुझे क़ैद करलो अपने इश्क़ में या,
मुझे इश्क़ करने के इजाज़त दे दो,
मासूम तेरी आँखों मे,
मेरा दिल खो जाता है,
जब जब तुझे देख लू
मेरा जीवन मुकम्मल हो जाता है,
न आए तू जो मुझको नज़र
तेरे दीदार के लिए,
मेरा दिल तरस जाता है,
क्या बयान करें तेरी मासूमियत को शायरी में हम,
तू लाख गुनाह कर ले सजा तुझको नहीं मिलनी,
bewafa tera masoom chehra shayari lyrics
देखकर दीवाने हो गए
हम उसकी मुस्कान के,
खरीद लिए गम भी, तब
हमने उस मासूम के,
दांतो तले उंगली दबा कर,
निगाहें मुझ पर रोकना,
बड़ा अच्छा लगता मुझे तेरा
मासूम नजरों से देखना,