495+ Best Patang mahotsav shayari in hindi|पतंग महोत्सव हिंदी शायरी

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मोहब्बत एक कटी पतंग है साहब
गिरती वही है जिसकी छत बड़ी होती है

सारी दुनिया भूला के रूह को मेरे
संग कर दो मेरे धागे से बंध जाओ
खुद को पतंग कर दो

पतंग कट भी जाए मेरी तो कोई
परवाह नहीं आरजू बस ये है की
उसकी छत पर जा गिरे

मुझे मालूम है उड़ती पतंगों की
रवायत गले मिलकर गला काटू
मैं वो मांझा नहीं

वो उड़ती हुई पतंग की तरह मैं हवाओं
से बातें करता था वो कटी पतंग के पीछे
पीछे में गली मोहल्ले में फिरता था

पतंग सी हैं जिंदगी कहाँ तक जाएगी
रात हो या उम्र एक ना एक दिन कट
ही जाएगी

जब तक है डोर हाथ में तब तक
का खेल है देखि तो होंगी तुमने
पतंगे कटी हुई

उम्मीदों के धागे ख्वाहिशों की पतंग
सब जला दी हमने कल रात अंगीठी में

की हवाओं में इश्क़ की पतंग हम
भी उड़ाया करते थ वक़्त गुजरता
रहा और धागे उलझते रहे

छू लेती है अक्सर खुद ही ऊंचाइयों को
जो पतंग मांझे की मोहताज़ नहीं रहती

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