rishte nibhana shayari
एक अलग ही तरीका अपनाया है,
रिश्तो ने मारने का,
जिसे जितनी ज़रूर,
उसे उतना ही ना संभालने का,
रिश्ते रहते तो 1 किताब में ही है,
मगर दरमियां उनके पन्नों का
फासला रहता ह,
ज़रा-सी देर क्या हो गयी,
मुझे घर आने में,
उनके दिमाग ने ला खड़ा किया
शक के घराने मे,
मुकद्दर में रिश्ते तो यूही आ जाते है,
मगर इंसान को ही नीयत से,
निभाने ना आते है,
गुमां आज तक किसी का ना टिका,
देखो ना गुब्बारे मे,
हवा का झोका भी जा बिका,
rishte dhokebaaz shayari
ज़िंदगी बस नौकरी, पैसा, पति और शाद,
नहीं होती, ज़िंदगी में मोहब्बत, रिश्ते साथ,
और अपनापन भी होता है,
कोई दौलत पर नाज करता हैं,
कोई शोहरत पर राज करता है,
जिसके पास आप जैसा दोस्त हो,
वो इंसान हमेशा खुश रहता ह,
जिन्दगी मिलती है जिन्दादिली से जीने,
के लिए, लोग मेहनत से कमायें पैसे को,
उड़ाते है पीने के लिए,
कैसा है खेल ऊपर वाले का,
पैसा ही सुख है और पैसा ही दुःख है,
अब तुम्ही बताओ प्रभु कि भक्ति करूँ या,
पैसा कमाऊँ,
जब व्यक्ति के जेब में पैसा होता ह,
तो वह भूल जाता हैं कि वह कौन है,
लेकिन जब उसके पास पैसा नही होता,
तो दुनिया भूल जाती हैं कि वह कौन है,