sad shayari english
ना हम-सफर ना किसी हम!नशीं से निकलेगा!!हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा!! राहत इंदौरी
अभी तक मौजूद है इस दिल पर तेरे कदमों के निशां!!हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया!!
हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी की हर ख़्वाहिश पे दम निकले! बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले- मिर्ज़ा ग़ालिब
इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं!! होटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं!!ज़ावेद अख़्तर
राख होने लगी जल-जल के तमन्नाएं, मगर हसरतें कहती है!!कुछ और भी अरमाँ होंगे
ये जो ख़ामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है ना!!पढ़ना कभी ध्यान से!! चीखते कमाल के हैं
रिश्तों की दलदल से कैसे निकलेंगे, जब हर साजिश के पीछे अपने निकलेंगे!!
माना मौसम भी बदलते है!!मगर धीरे-धीरे; तेरे बदलने की रफ़्तार से तो हवाएं भी हैरान है!!
ऐसा नहीं है कि अब तेरी जूस्तजू नहीं रहीं, बस टूट-टूट कर बिखरने की हिम्मत नहीं रही!!
कोई उस दुकान का पता बताओ यारों जहां लिखा हो!!टूटे दिलों का काम तसल्ली से