zindagi ka safar shayari urdu
अजीब सा सफर है ये ज़िंदगी
मंजिल मिलती है मौत के बाद
हम जितनी दुनिया देखते जाते है
हमारी नजरिया का दायरा उतना ही,बढ़ जाता है
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं
safar shayari love
इन अजनबी सी राहों में जो तू मेरा हमसफर हो जाये
बीत जाए पल भर में ये वक्त और हसीन सफर हो जाये
अपनी मर्जी से कहां अपने सफर के हम हैं,
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं,
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
सफर से लौट जाना चाहता है, परिंदा आशियाना चाहता है
कोई स्कूल की घंटी बजा दे,ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है
safar shayari in gujarati
यू ही हाथ थाम मेरा साथ निभाना
जिंदगी का सफर संग है तेरे बिताना
वो जीवन में क्या आये बदल गयी जिंदगी हमारी
वरना सफर ए-जिंदगी कट रही थी धीरे-धीरे
इक क़दम के फ़ासले पर दोनों आ कर रुक गए
बस यही मंज़िल सफ़र की आख़िरी अच्छी लगी