desh bhakti shayari in hindi
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है !!
मरेगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं !!
मैं भारत बरस का !!
हरदम सम्मान करता हूँ !!
यहाँ की चांदनी मिट्टी !!
का ही गुणगान करता हूँ !!
मुझे चिंता नहीं है !!
स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की !!
तैरना है तो समंदर में तैरो नालों में क्या रखा हैं !!
प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा हैं !!
रात होते ही आप नींद में खो जाते है !!
सूरज ढलते ही वो तैनात हो जाते है !!
तिरंगा हो कफ़न मेरा !!
बस यही अरमान रखता हु !!
shayari desh bhakti
हज़ार बार ली है तुमने तलाशी मेरे दिल की !!
बताओ कभी कुछ मिला है इसमें प्यार के सिवा !!
खुदा जाने मोहब्बत कौन-सी मंजिल को कहते हैं !!
न जिसकी इब्तिदा ही है, न जिसकी इंतिहा ही है !!
एक दिन उसने मुझसे कयामत का मतलब पूछ लिया !!
मैंने भी घबरा कर उससे रूठ जाना तेरा कह दिया !!