masoom chehra shayari
मासूम सी आपकी ये निगाहें,
कहीं चैन ना छीन ले हमारा,
प्यार का आगाज कर रही हैं,
वोकहीं दिल ना चुरा ले हम तुम्हारा,
मुहब्बत होंठों से नहीं, उनसे निकली मीठी बातों से है,
क्यों कि मासूमियत चेहरे से कहीं ज्यादा,
उसकी भोली आँखों में है,
bewafa tera masoom chehra shayari lyrics
मोहब्बत की ये बरसाते
अब हमें सच्ची लगती है,
मासूम सवाल करने की
आदत हमें अच्छी लगती है,
मदहोशी को अपनी
मैं बयां करना चाहू,
मासूम सूरत से उम्र भर
मैं प्यार करना चाहू,
है,मगर तू बहुत खूबसूरत
पर दिल लगाने के काबिल नह,
bewafa tera masoom chehra shayari
किस क़दर मासूम सा चेहरा था उस का,
ग़ालिबधीरे से जान कह कर बेजान कर गया,
मुझे धोका दे कर आज तू खुश है,
मुझे तड़पा तड़पा के रुला कर आज तू खुहै,
हर हीरा चमकदार नहीं होता,
हर समंदर गहरा नहीं होता,
दोस्तों ज़रा संभल कर प्यार करना,
हर खूबसूरत चेहरा वफादार नहीं होता,
खूबसूरती से मासूमियत नहीं जलकती है,
साहबमासूमियत देखनी है,
तो उस बच्चे से पूछो जो
दिन भर खिलौनों की दुकान पर काम करता ह,
मासूम होकर अचानक से वो बोला,
भाई पानी की मशीन चालु कर द,
अधुरा सा बैठा हू कब से अन्दर,